भारत में हर साल 90% बिज़नेस क्यों फेल हो जाते हैं?

भारत में हर साल 90% बिज़नेस क्यों फेल हो जाते हैं?

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भारत में बिज़नेस फेल होने के कारण: 7 प्रमुख वजहें जो आपको जाननी चाहिए

भारत में हर साल 90% बिज़नेस क्यों फेल हो जाते हैं? इसके पीछे 7 मुख्य कारण हैं जो आपको जानने ही चाहिए।

भारत में हर साल करीब 35,000 स्टार्टअप्स अपनी राह बीच में ही छोड़ देते हैं। छोटे हो या बड़े, कई कंपनियाँ पहले ज़ोरदार शुरुआत के बाद सब “मिट्टी में मिल” जाती हैं। आपने भी Ola EV, Snapdeal, GoMechanic जैसी कंपनियों का पतन देखा होगा। तो सवाल यह है—आखिर कारण क्या है कि हमारे यहां ज्यादातर बिज़नेस टिक नहीं पाते?

1. संकट में फिक्स न करके ड्रॉप करना सीखें

बहुत बार हमें लगता है कि “एक बार पैसा और मेहनत लगा दी, अब इसे ज़रूर ठीक करना है।” इसे ही कहते हैं। Sunk Cost Fallacy।

Tech Burner के Shlok ने अपनी स्मार्टवॉच “एनआर्क” लॉन्च की, लेकिन उसमें चार्जर की खराबी थी। लॉन्च के बाद उन्होंने चार्जर फ्री रिप्लेस का ऐलान किया—जबकि ये काम प्रोडक्ट रिलीज़ से पहले ही करना चाहिए था।

अगर आप जानते हैं कि कोई फीचर या पार्ट दिन-एक-दिन खराब होगा, तो लॉन्च से पहले सुधार लें। देर से सुधार करने पर ग्राहकों का भरोसा उड़ जाता है।

 

2. ड्रॉप करना सीखें, ना कि फ़िक्स की जिद।

 

हर समस्या का इलाज करना ज़रूरी नहीं; कई बार पुराना प्रोडक्ट बंद कर देना ही समझदारी है।

Microsoft ने Windows Vista छोड़कर Windows 7 पर ध्यान दिया। Elon Musk ने कई फेल रॉकेट्स छोड़कर आगे बढ़ा।

कमज़ोर प्रोडक्ट में और निवेश करने का कोई फायदा नहीं। नए आइडिया पर फोकस करें।

 

3. अवैध विस्तार से बचें (Unnecessary Line Extension)

 

जब कोई कंपनी एक प्रोडक्ट में सफल हो जाती है, तो वह उसी नाम से ढेरों नए प्रोडक्ट लाए बिना नहीं रहती।

 

Ola ने EV और बाइक के बाद Maps, Payments, Food—सब लांच किया, लेकिन मुख्य प्रोडक्ट पर ध्यान कम हो गया। Ola cap,,

 

 ब्रांड का नाम फैलाना बुराई नहीं, पर कच्ची तैयारी में नए प्रोडक्ट लाने से क्वालिटी डैमेज होती है। नए प्रोडक्ट बेहतर बनाए बिना संख्या बढ़ाना फेल होने की राह खोलता है।

 

4. फैड पर न चढ़ें, असली ट्रेंड पहचानें

 

कुछ आइडियाज सिर्फ थोड़े समय के लिए पॉपुलर होते हैं—जैसे NFTs, Clubhouse।

 

कई इंडिया-से जुड़ी NFT मार्केटप्लेस बनी और (लगभग) खत्म हो गई। Clubhouse की लोकप्रियता कुछ महीनों में धूमिल हो गयी।

 

फैड वही हैं। जो जल्दी आते-जल्दी जाते। बिज़नेस के लिए ऐसे ट्रेंड चुनें जिनमें दीर्घकालीन वैल्यू हो—जैसे “Convenience” या “भरोसा”।

 

5. ग्राहक की समस्या हल करें, नया प्रॉब्लम न बनाएं।

 

अपने प्रोडक्ट या सर्विस चलानी हो तो देखिए कहीं आप अनजाने में ग्राहक की परेशानी नहीं बढ़ा रहे।

 

Ola EV में आग लगने की ख़बरों से यूज़र्स का भरोसा टूट गया। Sahara-Amrapali जैसे घोटाले में लोगों का पैसा और ट्रस्ट—दोनों गायब हो गए।

 

हर नई सुविधा या ऐड-ऑन सोच-समझकर डालें। सेफ्टी, क्वालिटी और ट्रांसपेरेंसी रखकर ही मार्केट में टिक पाएंगे।

 

6. सोशल मीडिया को दुश्मन न बनने दें।

 

आज के दौर में यूज़र हर छोटी-छोटी कमी ट्विटर या इंस्टा पर उजागर कर देते हैं।

Bhavish Aggarwal ने जब Kunal Kamra पर हमला किया, तो Ola के शेयर्स 8% गिर गए। जबकि Anand Mahindra अपनी पर्सनल अपडेट्स से हमेशा पोजिटिव एन्हांस करता रहा।

 

नेगेटिव कमेंट्स पर रिएक्ट करने से बेहतर है—डाटा से प्रॉब्लम पहचानें और पब्लिक को सुधार दिखाएँ। PR को सही मैनेज करें।

 

7. इगो और ओवरकॉन्फिडेंस का खात्मा

 

“हमेशा सही” होने का अहंकार ख़त्म कर देता है—आपके प्रोडक्ट को और ब्रांड इमेज को।

 

GoMechanic के फाउंडर्स ने पूँजी और ग्रोथ दिखाने के चक्कर में फाइनेंशियल हेराफेरी की—जिससे निवेशक डर गए।

पारदर्शिता रखें, सही-अनुशासन बनाए रखें और जरूरत पड़ने पर गलती स्वीकारें। अहंकार से बेहतर सच्चाई में सेहत होती है।

 

भारत में कोई भी बिज़नेस तभी टिक पाएगा जब हम अपने फ़ोकस को क्लियर रखें,

फैड और शॉर्ट-लिव्ड ट्रेंड्स से दूर रहें, ग्राहक के भरोसे को नहीं तोड़ें, और अहंकार की जगह सीखने की जिद रखें।

क्या आप भी कोई नया बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं?

क्या आपने कभी ऊपर दिए कारणों में से कोई अनुभव किया?

नीचे कमेंट में अपनी राय साझा करें, और इस आर्टिकल को उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो “बिज़नेस या स्टार्टअप” की दुनिया में हैं।

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